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    परमात्मा की कृपा तभी होगी जब वासनाओं का त्याग होगा

    News Desk

    ByNews Desk

    Sep 27, 2024
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    जगतपुर

    सन्त निरंकारी आश्रम में शुक्रवार को सत्संग कार्यक्रम काआयोजन किया गया। बहन बिमला ने कहा संसार में सभी लोग अपने-अपने अनुरूप भक्ति कर रहे हैं। आज हम सभी सत्संग में भक्ति भाव से एकत्र हुए हैं। यही ईश्वर की कृपा है।

     

    परमात्मा का विनम्र भाव से सुमिरन करने पर जीवन में बदलाव आता है । जिससे जीवन आनंदित हो जाता है। समर्पित भाव भक्ति का प्रथम चरण है। परमात्मा की भक्ति से वासनाओं का त्याग किया जा सकता है। अगर हम सभी प्रत्येक व्यक्ति के साथ आत्मीयता का व्यवहार करें ।

    तब निश्चित तौर पर मन प्रफुल्लित होने के साथ दूसरों का प्रेम भी मिल सकता है। हमारी वाणी हर इंसान के लिए विनम्र होनी चाहिए। तभी हम सभी भक्ति का आनंद ले पाएंगे। सभी के प्रति हमारे मन में प्यार और सम्मान होना बहुत जरूरी है। अगर हम सभी का सम्मान ,सत्कार, प्रेम कर पाएंगे तभी मानवता को ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं।

    हमारे मन और वाणी की अवस्था एक जैसी होनी चाहिए । मन वचन कर्म से हर व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। मन वचन और कर्म से एक जैसा ही व्यवहार होना चाहिए। सन्त जन निश्छल और निस्वार्थ भाव में रह कर जीवन जीते हैं । सामाज को सुंदर बनाते हैं। सत्संग से यही प्रेरणा मिलती है।इस मौके पर ऊषा देवी , कर्मा वती , बंदना, रानी ,बबिता , रजनी , अंजली ,आदि मौजूद रही ।

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