रायबरेली: गांव में लोग जल निकासी जैसी तमाम मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ग्राम पंचायतों के खाते में पैसा नहीं। धनराशि होने के बावजूद पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान खर्च नहीं कर पा रहे हैं। सचिवों और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के चलते सीएम डैश बोर्ड से जारी होने वाली विभागों की रैंक भी प्रभावित हो रही है। अधिकारी भी गांव में कार्य कराने के लिए पैसा खर्च करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान पैसा नहीं खर्च कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास कार्य कराने के लिए सरकार सभी ग्राम पंचायताें को धनराशि उपलब्ध कराती है। इसके बाद भी विकास कार्य ठप है। डीपीआरओ का कहना है कि पांचवें वित्त का पैसा पंचायतों के खाताें में डंप है। एक लाख से अधिक पैसा जिन ग्राम पंचायतों के पास है, उनको पैसा खर्च करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी यदि गांव में विकास कार्य न शुरू किए गए तो लापरवाह पंचायत सचिवों पर कार्रवाई की जाएगी।
अमावां के 28 बछरावां के 28, छतोह 27, डलमऊ के 24, डीह के 27, दीनशाह गौरा के 32, हरचंदपुर के 12, जगतपुर के 13, खीरों के 70, लालगंज के 27, महाराजगंज 19, राही 51, रोहनियां 21, सलोन 61, सरेनी के 52, सतांव 30, शिवगढ़ की 21, ऊंचाहार 30 ग्राम पंचायतों में पांचवें वित्त के तहत शासन से भेजी गई धनराशि डंप है।