मीटर रीडरों की मनमानी, छह महीने, तो कहीं एक साल बाद निकल रहे बिजली बिल

 

 

न्यूज नेटवर्क रायबरेली।

लालगंज कस्बे के रहने वाले तालता प्रसाद का दो किलोवाट का कनेक्शन है। उनका कहना है कि हर महीने आठ, तो कभी एक हजार रुपये बिजली का बिल आता था। नवंबर महीने में उन्हें एक लाख रुपये का बिजली का बिल थमा दिया गया। उनका कहना है कि मीटर की रीडिंग लेने कोई नहीं आता है। एक साल बाद रीडर रीडिंग निकालने आया था। अब वह बिल संशोधन के लिए अभियंताओं के चक्कर लगा रहे हैं।

 

ऊंचाहार कस्बे में किराना की दुकान चलाने वाले आशुतोष ने बताया कि उनका तीन किलोवाट का कनेक्शन है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन्हें एक लाख रुपया का बिल थमा दिया गया। बताया कि मीटर में रीडिंग स्टोर थी। उनका कहना है कि वह हर महीने बिजली बिल जमा करते हैं। मीटर रीडर कभी बिल निकालने नहीं आता है। यदि उन्हें हर महीने बिजली बिल मिलता रहे, तो जमा करने पर दिक्कत न उठानी पड़े। अब बिल सुधरवाने के लिए अधिकारी दौड़ाते हैं।

सलोन के रहने वाले अब्दुल वहाब ने बताया कि उनके यहां एक किलोवाट का कनेक्शन है। कस्बे में रीडिंग लेकर बिल निकालने कोई नहीं आता है। सितंबर महीने में उन्हें 46 हजार रुपये का बिल थमाया गया, जबकि वह हर महीने बिजली का बिल जमा करते हैं। एक साथ 46 हजार रुपये का बिल जमा करने में दिक्कत आ रही है। अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

रायबरेली में मीटर रीडरों की मनमानी बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। कई बार चेतावनी के बाद इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हाे रहा है। रीडरों की मनमानी रोकने के लिए हर उपखंड स्तर पर सुपरवाइजर की तैनाती की गई। इसके बावजूद कार्य में सुधार नहीं हो रहा है।

यही वजह है कि उपभोक्तओं को त्रुटिपूर्ण बिजली के बिल मिल रहे हैं। 1300 उपभोक्ताओं पर एक मीटर रीडर की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन रीडरों की कमी के चलते उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। एजेंसी जिन रीडरों को रखे हैं, वहीं कभी कभार उपभोक्ताओं के यहां नहीं पहुंचे हैं।

घर बैठकर काम करने वाले मीटर रीडरों को बाहर किया जाएगा। कार्यदायी एजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि रीडर घर जाकर बिजली का बिल बनाए। यदि कोई घर बैठे काम कर रहा है, तो उन्हें बाहर किया जाएगा।

-रामकुमार, मुख्य अभियंता पावर कॉर्पोरेशन

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