B Jharkhand 160524180609

रायबरेली :  एक जिला बदर अपराधी क्षेत्र में रहकर पुलिस को चुनौती दे रहा है। उसका अपहरण हो जाता है , उसकी पिटाई और उसे जूता चटाने का वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल हो जाता है , पुलिस मुकदमा दर्ज करती है , किंतु उसे पता नहीं होता कि इस मुकदमे को दर्ज कराने वाला जिला बदर अपराधी है । पुलिस को जब इस बात का इल्म होता है तो उसे गिरफ्तार किया जाता है । जबकि अपहरण करने वाले अभी भी पुलिस को पकड़ से दूर हैं।

पिछले दिनों सोसल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुआ जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया । वायरल विडियो में एक युवक को बुरी तरह पीटा जा रहा था तथा उसे जूता चटवाया जा रहा था । यह विडियो 21 अगस्त का था । वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अमन सिंह निवासी सवैया राजे की तहरीर पर 12 लोग नामजद तथा अन्य अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया ।

मामले की जब जांच हुई तो बड़े चौकाने वाले तथ्य सामने और और पुलिस करवाई पर सवाल खड़ा हो गया । दर्ज हुई प्राथमिकी में ही पुलिस पर आरोप लगाया गया है कि घटना के दिन पुलिस ने अपहर्ताओं को पकड़ा था , किंतु उनके राजनैतिक रसूख के कारण छोड़ दिया गया । इसमें सबसे बड़ा चौकाने वाला तथ्य ये सामने आया कि अपहृत खुद जिला बदर अपराधी है , और वह क्षेत्र में घूम कर अपना आतंक फैला रहा था , उसे जिलाधिकारी ने बीते अप्रैल माह में जिला बदर किया था ।

मजेदार बात यह है कि जब उसके कथित अपहरण की घटना हुई थी तो पुलिस ने दोनो पक्ष का शांति भंग में चालान भी किया था । एक जिला बदर अपराधी का मामूली शांति भंग में चालान करना पुलिस को कठघरे में खड़ा करता है । सारे तथ्य सामने आए तो अब पुलिस बैकफुट पर आ गई है । पुरानी गलती सुधारने के चक्कर में उसने एक नया कारनामा कर दिखाया है ।

जिस अपहरण और जूता चटाने को लेकर प्रदेश में चर्चा है , उसी मुकदमे में वादी को बयान लेने के लिए पुलिस ने बुलाया और उसे जिला बदर होने के बावजूद जिले में घूमने के आरोप में जेल भेज दिया हैं। जबकि वायरल विडियो को लेकर दर्ज मुकदमें में किसी को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है । सीओ अरुण कुमार नौहार ने बताया कि दर्ज मुकदमे की विवेचना चल रही हैं। वादी जिला बदर अपराधी है , उसे जेल भेजा गया है ।

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