न्यूज डेस्क रायबरेली: रविवार को मूर्ति विसर्जन में सम्मिलित होने गोकना गंगा घाट जा रहा लोडर सूची खरौली मार्ग पर किसुनदासपुर गांव के पास अनियंत्रित होकर पलट गया था। घटना में 21 श्रद्धालु घायल हुए थे। जिसमें 10 महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की हालत गंभीर होने पर डाक्टर ने उन्हें सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। इसके बाद सोमवार को औपचारिक रूप से अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, तहसीलदार समेत पुलिस अधिकारियों ने गोकना घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। लेकिन विभिन्न वाहनों से लटककर मूर्ति लेकर आने वाले लोगों को ना तो हिदायत दी गई, और ना ही उनपर कोई कार्यवाई ही की गई। जिससे मनबढ़ वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं।
सोमवार को मिश्रपुर मजरे नेवादा निवासी 30 लोग लोडर में सवार होकर गोकना घाट स्थित मूर्ति विसर्जन में सम्मिलित होने जा रहे थे। क्षमता से अधिक सवारी होने व गति तेज होने के कारण वह किसुनदासपुर गांव के पास अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गया था। जिसमें सभी लोग दब गए थे। इसके बाद मौके पर भगदड़ मच गई, और स्थानीय लोगों व राहगीरों ने लोडर को उठाकर सभी को बाहर निकाल एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाया था। जहां से 10 लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया था। इसके बावजूद भी सोमवार को तहसील तथा पुलिस व्यवस्था में तनिक भी सुधार देखने को नहीं मिला। खचाखच श्रद्धालुओं से भरे लोडर तथा पिकप में लोग लटककर हुड़दंग करते हुए मूर्ति विसर्जन को घाट पर आते जाते रहे। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा, एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी, तहसीलदार आकांक्षा दीक्षित ने भी पुलिस टीम के साथ घाट पर पहुंच औपचारिक निरीक्षण किया। लेकिन दिन भर लोगों द्वारा बरते जा रहे अनियमितता को देख किसी भी वाहन चालक या अन्य लोगों को हिदायत तक देना उचित नहीं समझा। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि लोगों को चिन्हित किया गया है, नियम तोड़ने वालों पर कार्यवाही की जाएगी।