नहर में उड़ रही धूल, सिंचाई के लिए परेशान अन्नदाता

ऊंचाहार (रायबरेली): फरवरी महीने में तेज धूप व पछुआ हवाओं के बीच नमी उड़ने से किसानों के खेतों में तैयार गेहूं समेत अन्य फसलें सूखती जा रही हैं। किसानों का आरोप है कि नहर में पानी छोड़े जाने को लेकर वह सुबह से शाम तक अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जेई को छोड़कर किसी का सीयूजी नंबर नहीं उठाता। जेई भी असहजता दिखाते हुए उच्च अधिकारियों से बात करने को कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं। खेतों में तैयार सूखती फसल देख किसान परेशान हैं।

ऊंचाहार रजबहा के भरोसे क्षेत्र के सुदामापुर, पूरे गड़रियन, कमोली, किसुनदासपुर, सरबहदा, पुरन शाहपुर, रामसांडा, दौलतपुर, गुलरिहा, नजनपुर, सवैया हसन, पूरे बरइन, सवैया राजे, पूरे मालिन, बहेरवा तथा कंदरावा माइनर से पूरे बेनऊ, डाड़ेपुर, गंधपी, बाहरपुर, पचखरा, सावापुर नेवादा, मुंडी पुर, पूरे लाला , मकवापुर, होरैसा, महिमा पुर, कंदरावा समेत 150 गांवों के लगभग 30 हजार किसान अपनी 10 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर धान गेहूं सब्जियों समेत अन्य फसलें तैयार करते हैं। पिछले 20 दिनों से दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह रहा है। इसके कारण किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई की आवश्यकता है। बीते दो महीना से नहर सूखी होने के कारण किसानों के खेतों में गेहूं समेत अन्य फसलें मुरझाने लगी हैं। परेशान किसान सिंचाई विभाग के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से नहर में पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बिना बालियां निकले ही फसलें खेतों में ही सूखती जा रही है।

गुलरिहा निवासी किसान शिवकुमार पांडेय, चंद्रभूषण सिंह, विजय तिवारी, रमेश कुमार गुप्ता, दिनेश कुमार, अजय कुमार, रमापति पांडेय आदि का कहना है कि इन दिनों गेहूं की फसल बालियों पर है। सुबह से निकलने वाली कड़क धूप और तेज हवाओं के बीच सिंचाई के अभाव में फसल खेत में ही सूखती जा रही है।

दिन रात खून पसीना बहाकर खेतों में गेहूं समेत अन्य फसलें तैयार की थी। फरवरी महीने में ही सुबह से निकलने वाली कड़क धूप व चलने वाली तेज हवाओं से खेतों की नमी उड़ने के साथ ही फसलें मुरझाने लगी हैं। यदि जल्द ही नहर में पानी न छोड़ा गया तो गाढ़ी कमाई से तैयार फसल सूख जाएंगी। और परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा।
संगम लाल मिश्र

धान हो या गेहूं कभी भी सिंचाई के समय नहर में पानी नहीं आता। मजबूर किसान निजी नलकूपों व पंपिंग सेटों की बदौलत महंगे दामों पर खेतों की सिंचाई करने को मजबूर हैं। कुछ किसानों की फसलें तो सिंचाई के अभाव में सूखती जा रही है।
दीपू मिश्र

नहर में पानी छोड़े जाने को सिंचाई विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन से लगातार मांग की जा रही है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते सूखी नहर के बीच खेतों में तैयार गेहूं समेत अन्य फसलें सूखती जा रही हैं। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बिहारी लाल मिश्र

सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लगातार प्रयासरत है। लेकिन समय पर खाद, बीज, पानी न मिलने से संभव नहीं हो पा रहा है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता को छोड़कर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के सीयूजी नंबर नहीं उठता। फसल सूख जाने के बाद परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएगा।
गंगा प्रसाद शर्मा