न्यूज़ डेस्क : गेहूं की बोवाई का समय चल रहा है। किसानों को खेत की छपाई व सिंचाई के लिए पानी की दरकार है। किसान किराए के इंजन से से सिचाई करने को मजबूर हैं। नहरों में पानी न आने की वजह से करीब 20 हजार किसान परेशान हैं। शिकायत के बावजूद नहर विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
फसलों की सिंचाई के लिए शारदा नहर भटपुरवा गांव के पास से जगतपुर व शंकरपुर के नाम से दो रजबहे बनाए गए हैं।
जगतपुर रजबहे की लंबाई करीब 18 और शंकरपुर माइनर की लंबाई लगभग सात किलोमीटर है। इस रजबहा से सिद्धौर, शंकरपुर, इंची का पुरवा, परौरा, सेमरा, जरियारी माइनर निकाली हैं। मनोहरगंज, भीख ,सिद्धौर ,हेवतहा ,उड़वा ,पूरब गांव उमरी ,जमोड़ी ,सिंगापुर ,शंकरपुर, पूरब गांव, पटवा हार, शिवगंज ,दौलतपुर, हेवतहा, नेवढिया, जरियारी, सेमरा आदि ग्राम सभाओं के करीब 20 हज़ार किसान हजारों बीघे ज़मीन पर खेती करते हैं। नहर में पानी बंद किए जाने से किसानों में रोष है।
किसान विमलेश बहादुर सिंह, विकास तिवारी, हरिप्रसाद, अर्जुन सिंह, बृजेश कुमार, रमेश कुमार, राजू, रामनाथ, रामशंकर, गयादीन, राम मनोहर, बद्री विशाल ने बताया है कि हर साल बोवाई व सिंचाई के समय पानी मिलाने में मुसीबत का सामना करना पड़ता है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सौरभ चौधरी का कहना है कि शारदा नहर में सफाई का कार्य चल रहा है। एक सप्ताह बाद नहरों माइनरों में पानी पहुंचाया जाएगा।