नागेश त्रिवेदी रायबरेली: पूरे सेमान सिंह गांव के पास रामगढ़ टिकरिया माइनर पर बनाई गई पुलिया की स्लेब दो वर्ष पहले टूट चुकी है। डेढ़ दर्जन गांवों की लगभग दसहजार आबादी को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा पुलिया का निर्माण नहीं कराया गया।जिसको लेकर
ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है।
पूरे सेमान सिंह गांव के पास से सूची खरौली मार्ग तक ग्रामीणों को आने-जाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पक्की सड़क का निर्माण कराया गया । उक्त गांव के पास रामगढ़ माइनर पर बनी पुलिया की स्लेप लगभग दो वर्ष पहले टूट गई है। स्लेप टूटने की वजह से रामगढ़ टिकरिया, केसरी का पुरवा, लोधन का पुरवा, मुराइन का पुरवा, तिवारीपुर, रोझइया, पूरे मती सिंह, पूरे दमन, रम्मन की झोर, अपटा, बनजरिया, केमलपुर, इटौरा बुजुर्ग, बिंदा गंज, आदि गांवों के लगभग दस हजार ग्रामीणों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिया की स्लेप टूटने पर ग्रामीणों द्वारा मिट्टी डालकर आने-जाने का रास्ता बनाया गया। मिट्टी डालने से माइनर पट गई ।सिंचाई की समस्या होने पर ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों की नींद खुली। माइनर में पाइप डालकर रास्ता बना दिया गया। वाहनों के निकलने पर पाइप टूट गए। इसके बाद ग्रामीणों ने फिर मिट्टी डालकर आने जाने का रास्ता बना लिया। सकरा रास्ता होने की वजह से।स्कूली बसों तथा चार पहिया वाहनों का निकलना बंद हो गया। ग्रामीण रमेश कुमार, अशोक कुमार ,भूपेंद्र, इंदल, छंगू लाल, अमरेश कुमार, रमेश कुमार, बाबेद्र तिवारी ,रामबली, सुनील कुमार,दुर्गेश कुमार, अशोक कुमार, रमेश कुमार ने बताया है कि दो साल से पुलिया टूटी हुई है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र देकर पुलिया बनवाए जाने की मांग की गई। पुलिया निर्माण की बात तो दूर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया। लगभग दस हजार ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से निकलते हैं। दर्जनों बाइक सवार रात के अंधेरे में माइनर में गिरकर घायल हो चुके हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता शिव शंकर सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। पुलिया निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य कराया जाएगा।