रायबरेली: सरकारी विभागों में पारदर्शिता के लिए 2017 में जेम पोर्टल लांच किया गया। सरकारी धन से क्रय करने वाली सभी वस्तुओं को जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदने के लिए शासन ने निर्देश दिए। इसके बावजूद जेम पोर्टल पर भी लोग अपनी चहेती फर्मों को काम दे रहे हैं। यह आरोप पहली बार नहीं लगे हैं, इससे पहले भी कई बार फर्मों के चयन में मनमानी करने की शिकायतें की गई, लेकिन कार्रवाई कागज तक ही सीमित होकर रह गई है।
प्रतापगढ के अठेहा सैदनपुर के उमाकांत शुक्ल ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में वाहन निविदा में की जा रही धांधली का आरोप लगाया है। उमाकांत का आरोप है कि जिस फर्म को 56 वाहनों का ठेका दिया जा रहा है, उसी फर्म काे अगस्त 2024 में दो वाहनों के संचालन का ठेका दिया गया था, लेकिन फर्म ने दो वाहन नहीं दिए। फर्म को काली सूची में डालने के बजाए उसे अधिक वाहन देने के लिए चुना जा रहा है।
उमाकांत ने सीडीओ से मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। सीडीओ अर्पित उपाध्याय का कहना है कि शिकायत संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिली तो जांच कर मनमानी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी