रायबरेली : जिले में करीब 15 हजार दिव्यांग पेंशन धारक हैं। जीविकोपार्जन के लिए सभी को सरकार एक हजार रुपये हर माह पेंशन देती है। सभी पेंशन धारकों को ईकेवाइसी और बैंक में राष्ट्रीय पेंशन समेकित प्रणाली पोर्टल पर सत्यापन कराने के लिए अनिवार्य किया गया है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने ब्लाक स्तर पर कैंप लगाकर लोगों को जागरूक भी किया। इसके बावजूद पेंशन धारकों ने रुचि नहीं दिखाई। लापरवाही के कारण फिलहाल दिव्यांगों की पेंशन को रोक दिया गया है।
साढ़े 14 हजार दिव्यांगों को पेंशन रुकने से विभागीय अधिकारी भी चिंतित हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अधिकारी ने सीडीओ से पत्राचार कर सभी बीडीओ को दिव्यांग पेंशन धारकों को जागरूक करने के लिए निर्देशित करने की अपील की है। सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र भेजकर दिव्यांग पेंशन धारकों को ईकेवाइसी और बैंक में राष्ट्रीय पेंशन समेकित प्रणाली पोर्टल पर सत्यापन कराने के लिए प्रेरित करने के लिए निर्देश दिए हैं। दिव्यांगजन पेंशन के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।
रोहनियां के दिव्यांग राजकिशोर गुरुवार को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में पेंशन की जानकारी के लिए गांव के एक युवक के साथ आए। उन्होंने बताया कि बैंक में सत्यापन करा दिया है, लेकिन कार्यालय में बाबू बता रहे हैंं कि अभी राष्ट्रीय पेंशन समेकित प्रणाली पोर्टल पर सत्यापन नहीं हुआ है। सरेनी से आई राजकुमारी ने बताया कि बैंक में रोज सर्वर न होने की बात कह कर दौड़ा रहे हैं। हमें पेंशन का ही सहारा है। दीपावली तक पेंशन न मिली तो त्योहार कैसे होगा यही चिंता सता रही है।
कोट
जिले में 15316 पेंशन धारक हैं। 3452 पेंशन धारकों ने ईकेवाइसी नहीं कराई है और 11052 दिव्यांगों ने राष्ट्रीय पेंशन समेकित प्रणाली पोर्टल पर सत्यापन नहीं कराया है। इसी वजह से फिलहाल 14504 दिव्यांगों की पेंशन रोक दी गई है। सत्यापन के बाद उनके बैंक खाते में पेंशन जाएगी। सभी को जल्द ईकेवाइसी और एनपीसीआइ पोर्टल पर सत्यापन कराने के लिए अपील की गई है।
– मोहन त्रिपाठी, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी