न्यूज़ डेस्क:
सतांव में स्थानांतरण के बाद पंचायत सचिव ने लाखों रुपये का भुगतान कर दिया। मामले की शिकायत के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए। डीपीआरओ ने नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब तलब किया। नोटिस का समय पूरा होने के बाद जवाब दिया गया और न कोई कार्रवाई की गई। मामले में अधिकारियों लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में रोष है।
रामलखन सिंह का आरोप है कि कोंसा पंचायत में 10 व 11 फरवरी को हैंडपंप मरम्मत, रिबोर व जल संचयन के नाम पर तबादले के चार दिन बाद पंचायत सचिव आलोक कुमार शुक्ल ने 6.79 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। मामले की शिकायत 22 फरवरी 2025 को डीएम हर्षिता माथुर से की गई।
डीएम ने डीपीआरओ को मामले की जांच के आदेश दिए। 24 फरवरी को डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने नोटिस जारी कर पंचायत सचिव को दो दिन के भीतर जवाब देने के लिए निर्देश दिए। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रकरण को लेकर ब्लाक के अधिकारी सचिव को बचाने में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हैंडपंपों की मरम्मत के नाम पर भुगतान हो गया, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई।
शिकायत के बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई के बजाए टालमटोल कर रहे हैं। एडीओ पंचायत बीरेंद्र कुमार का कहना है कि नोटिस का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। जवाब न देने की रिपोर्ट जल्द की उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। वहीं इस मामले को लेकर कई बार जिला पंचायत राज अधिकारी से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।