न्यूज नेटवर्क
रायबरेली।
परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य किए जाने के बाद इसका विरोध अनवरत जारी है। देशभर से सरकार को भेजे गए ज्ञापन के बाद भी एनसीटीई, शिक्षा मंत्रालय और केंद्र सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न होने के बाद अब आगे बढ़े जनांदोलन की तैयारी की जा रही है। अब दिल्ली में शिक्षक 24 नवंबर को हल्ला बोलेंगे। दिल्ली में होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की तरफ से शनिवार को चक अहमदपुर स्थित विद्यालय में रणनीति बनाई गई।
बता दें, देशभर के परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दिया गया है। अब इसके खिलाफ शिक्षक दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही आर-पार का लड़ाई की घोषणा भी होगी। आवश्यकता पड़ी तो संसद का घेराव भी किया जाएगा। इससे पहले शिक्षक संगठन ने व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।
अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले होने वाले प्रदर्शन को मजबूती देने के लिए अनवरत प्रयास जारी है। शनिवार को बैठक में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने बताया कि हम शिक्षकों से मिलकर दिल्ली चलने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक दर्जन शिक्षक संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने बैठक में दिल्ली कूच की रणनीति बनाई। शिक्षकों को चलने में कोई भी दिक्कत न हो इसके लिए बसों की भी व्यवस्था जिले से की गई हैं। जिला मुख्यालय से हम लोग 23 नवंबर को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जनपदीय संरक्षक समर बहादुर सिंह व महामंत्री सियाराम सोनकर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्यता थोपे जाने के खिलाफ देश भर का शिक्षक 24 नवंबर को दिल्ली में अपनी ताकत का एहसास कराएगा। एनसीटीई जल्द इसमें संशोधन नहीं करती तो आंदोलन और व्यापक होगा। दिल्ली के प्रदर्शन के माध्यम से पूरे देश के शिक्षक अपनी बात को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का काम करेंगे। हम लोग भारी संख्या में जिले से प्रतिभाग भी करेंगे।
कोषाध्यक्ष शिवशरण सिंह ने कहा कि शिक्षिकों पर थोपे गए काला कानून (टीईटी) की वजह से सभी में काफी नाराजगी है। हम किसी भी स्थिति में 23 अगस्त 2010 के पूर्व से कार्यरत शिक्षक पर इसको लागू नहीं होने देंगे। हम लोग जिले से ज्ञापन भी प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों को भेज चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कदम सरकार ने नहीं उठाया है।
बैठक में जिला मंत्री पन्नालाल, उपाध्यक्ष नागेन्द्र बहादुर सिंह, विक्रमादित्य सिंह, अब्दुल हलीम, सुनीता, सुरेंद्र वर्मा, रूपेश कुमार शुक्ला, राकेश कुमार, सुनील यादव, गीता सविता, जगलाल, मंजूलता, गयामणि पाल, रमेश, योगेंद्र, प्रीति जायसवाल, दीपक, राजेश यादव, उमाशंकर, योगेंद्र सिंह, आशीष तिवारी, रूपेश शुक्ला, उमेश श्रीवास्तव, राकेश, संजीव श्रीवास्तव, शिव कुमार सिंह, मेराज अहमद, रवि प्रकाश श्रीवास्तव, राजेश यादव,चन्द्र प्रकाश आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
