नागेश त्रिवेदी रायबरेली: सन्त निरंकारी आश्रम जगतपुर में शुक्रवार को महिला सत्संग कार्यक्रम काआयोजन किया गया। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए रेखा पांडे ने कहा सत्गुर मिलने के बाद जीवन में परिवर्तन आता है। परमात्मा कण-कण में व्याप्त है। यह देख पाने की दृष्टि सतगुरु की कृपा से मिलती है।
सतगुरु की कृपा से परमात्मा को देख पाने में भक्त सक्षम हो जाता है। ज्ञान मिलने पर चारों ओर हर व्यक्ति में
परमात्मा ही नजर आता है।तब मन से अहंकार रूपीअंधकार मिट जाता है । मन में समर्पण के भाव आते हैं। बहन ने कहा शरीर निमित्त मात्र है ।इसे चलाने वाली आत्मा प्रभु परमात्मा का अंश है। जब तक आत्मा शरीर में है ।तब तक शरीर का मोल है। उसके निकलने ही मिट्टी को मिट्टी में मिल जाना है। हर व्यक्ति को जीवन में कुछ न कुछ उपलब्धियां मिल जाती हैं ।इस पर अहंकार नहीं करना चाहिए। उपलब्धियां मिलने पर सच्चे भक्त जनों का प्रभु परमात्मा में समर्पण और अधिक बढ़ जाता है।जब कि अज्ञानी पुरुष अज्ञानता के कारण स्वयं की उपलब्धि मानकर अहंकार में डूब जाते है। अहंकार ही विनाश की जड़ है। सत्संग में आने पर, संत महात्माओं की कृपा से अहंकार समाप्त होता है। सत्संग मानवता को जागृति प्रदान करता है।इस मौके पर बसन्त लाल, राम प्रसाद , राम लखन , रुपेश , राम सुमेर , बाबूलाल ,रती पाल ,वंदना , कर्मा वती , रानी बबिता , रजनी , अंजली , मिथिला , लक्ष्मी आदि मौजूद रही।
