चिन्मया विद्यालय एनटीपीसी ऊंचाहार का 30वां स्थापना दिवस समारोह भव्यता और गरिमा के साथ संपन्न

चिन्मया विद्यालय एनटीपीसी ऊंचाहार का 30वां स्थापना दिवस समारोह भव्यता और गरिमा के साथ संपन्न

ऊंचाहार: 30 नवंबर 2024: चिन्मया विद्यालय एनटीपीसी ऊंचाहार ने अपने 30वें स्थापना दिवस समारोह को भव्यता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया। इस विशेष अवसर का समापन दिन आध्यात्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों से परिपूर्ण रहा। विभीषण गीता ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन सायंकालीन कथा में स्वामी स्वरूपानंद जी ने अपने प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किए, जिनमें धर्म, जीवन, और आत्मिक विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया गया।

स्वामी स्वरूपानंद जी के प्रेरणादायक विचार

स्वामी जी ने अपने प्रवचन में कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने के लिए ईश्वर का भजन सबसे श्रेष्ठ सारथी है। उन्होंने जीवन के युद्ध में मनुष्य के सबसे बड़े शत्रुओं की पहचान कराई, जो हमारे भीतर ही छिपे होते हैं:

1. राग (आसक्ति): स्वामी जी ने कहा कि किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अत्यधिक लगाव हमारी आत्मा के लिए शत्रु के समान है। उन्होंने बताया कि श्रीराम वैराग्य की ढाल का प्रयोग कर इस शत्रु से लड़ने की प्रेरणा देते हैं।

2. लोभ: उन्होंने समझाया कि लोभ, स्वार्थ, और कृपणता नकारात्मकता को जन्म देते हैं। इसके विपरीत, उदारता और दान सकारात्मकता का संचार करते हैं।

स्वामी जी ने रामायण के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए बताया कि आत्मज्ञान ही मनुष्य को उसकी शुद्धता और आनंद के शाश्वत स्वरूप का अनुभव कराता है। उनका प्रवचन सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणास्रोत बना।

टेक्नोफेस्ट का उद्घाटन

समारोह के प्रातःकालीन सत्र में स्वामी स्वरूपानंद जी ने “टेक्नोफेस्ट” का उद्घाटन किया, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, और गणित के मॉडलों की प्रदर्शनी लगाई गई। छात्रों ने अपनी सृजनात्मकता और नवाचार से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रदर्शनी में हेरीटेज क्लब के बच्चों ने विभिन्न राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में स्वामी जी का अभिनंदन कर भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत की।

वार्षिक रिपोर्ट और पुरस्कार वितरण समारोह

विद्यालय के प्राचार्य श्री मनीष कुमार स्वामी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेलकूद के क्षेत्रों में विद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया। इसके पश्चात गीता पाठ प्रतियोगिता के रायबरेली जिले के विजेताओं को स्वामी जी द्वारा सम्मानित किया गया।

समापन और भविष्य की दिशा

समारोह का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन ने विद्यालय के 30 वर्षों की यात्रा को सम्मानित करते हुए भविष्य के लिए प्रेरणा दी।

इस भव्य आयोजन ने न केवल विद्यालय परिवार, बल्कि समस्त समुदाय को प्रेरित किया और शिक्षा, संस्कृति, और आध्यात्मिकता के मेल को एक अद्वितीय पहचान दी।

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