• Mon. Nov 10th, 2025

Sashakt News

सशक्त न्यूज़- सच्ची और सशक्त ख़बर

चारा-दाना में लाखों खर्च फिर भी गोवंश दुर्बल होकर तोड़ रहे दम

News Desk

ByNews Desk

Jan 28, 2025
Img 20241023 Wa0183

ऊंचाहार, (रायबरेली): गोवंशियों को संरक्षित करने के साथ इनके खानपान का बंदोबस्त करने के लिए तहसील अंतर्गत 10 गोशालाएं संचालित है। विभाग का दावा है कि इनमें छह हजार गोवंशियों को संरक्षित किया गया है। इनके चारा दाना में प्रतिदिन 50 रूपए प्रति गोवंश के हिसाब से तीन लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। फिर भी गोशालाओं में संरक्षित गोवंशीय दुर्बल होकर दम तोड़ रहे हैं। इनकी जर्जर काया विभागीय दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। हद है कि गोशालाओं में हर माह 90 लाख रुपए चारा-दाना में खर्च होने के बावजूद अधिकारी गोवंशों की सेहत समेत अन्य व्यवस्थाओं के जांच की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं।

क्षेत्र में किसुनदासपुर, पट्टी रहस कैथवल, नगरपंचायत, कोटरा बहादुरगंज, धूता, इटौरा बुजुर्ग, छतौना मरियानी, उमरन, परसीपुर, धमोली आदि गांवों में संचालित गोशालाओं में लगभग छह हजार गोवंशीय संरक्षित हैं। कागजों में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि यदि किसी गोशाला में 250 पशु हैं, तो सभी के लिए चारा-दाना आता है। परसी पुर निवासी राधेश्याम, उदयराज, उमेश कुमार, शिव कुमार, राधेश्याम, दिनेश कुमार आदि बताते हैं कि गोशालाओं में गोवंशियों के लिए मांगाए जाने वाले चारे व आहार में संचालक और समितियों की मिली भगत से चोरी की जाती है।

गोशाला में संरक्षित गोवंशों के संख्या के हिसाब से डिमांड की जाती है, लेकिन खरीदा आधा का ही जा रहा है। और जिम्मेदारों द्वारा पूरा दिखाकर पैसा बचाया जाता है। नतीजा पशुओं को दिन रात मिलाकर एक बार ही चारा दिया जाता है, जो अधिकारियों की जांच में पकड़ नहीं आता, और दोनों मिलकर बंटवारा कर लेते हैं। सरकारी आकलन के अनुसार किसी एक गोवंशीय पशु को 24 घंटे में पांच किलो भूसा, हरा चारे के साथ चूनी और चोकर देने के निर्देश हैं। इसके लिए सरकार की ओर से इन्हें प्रति पशु 50 रूपए प्रतिदिन का खर्च दिया जाता है।

हर गोशाला के चारा वितरण की रिपोर्ट देखें तो इसी औसत से चारा भी बढ़ रहा है। लेकिन यह बात समझ से परे है कि प्रतिदिन पांच किलो भूसा व दाना खाने वाले पशु भी हर दिन दुर्बल होते जा रहे हैं। आमतौर पर जब गोशाला की जांच होती है तो यहां तैनात गोपालक अधिकांश पशुओं के बीमार होने और चारा न खाने की बात बताते हैं। लेकिन अगर पशुपालन विभाग के आंकड़े देखकर गौर किया जाए तो यह बड़ी सच्चाई है कि प्रत्येक गोशाला में प्रतिदिन बीमार पशुओं की औसत मात्रा चार, पांच या इससे काम है। सवाल यह है कि जब पशु बीमार भी नहीं है तो दुर्बल कैसे हो रहे हैं।

खंड विकास अधिकारी कामरान नेमानी ने बताया कि हर पशु के लिए चेहरे की खुराक निर्धारित है, गोशालाओं में सीसी कैमरे भी लगवाए जा रहे हैं। अगर कहीं भी चेहरे की कटौती की जा रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी को कार्यवाही के दायरे में लाया जाएगा।

Related posts:

जल्दी पैसा कमाने में तीन हजार लोगों ने गंवा दिए 50 लाख

  न्...
Monday November 10, 2025

रोडवेज बस के कंडक्टर से बैग छीन कर भाग रहे युवक के साथी को लोगों ने पकड़ा

  न्यू...
Sunday November 9, 2025

दरवाजा खोलकर घर में घुसे चोर, उठा ले गए चार लाख कीमत के जेवर

  न्...
Sunday November 9, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट में लगाया रायबरेली जिला अस्पताल से जारी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

न्यूज़ नेटवर...
Sunday November 9, 2025

अनियंत्रित होकर पलटी पिकअप, एक श्रमिक की मौत सात की हालत गंभीर

  &n...
Saturday November 8, 2025

वाट्सएप पर गाय की तस्वीर भेजकर ठगे 91 हजार

  न्...
Saturday November 8, 2025

दो पक्षों में हुई मारपीट में पांच लहूलुहान, हालत गंभीर

न्यूज़ नेटवर...
Saturday November 8, 2025

साथी के साथ बाइक से खाना खाने ढाबा जा रहे युवक को ट्रक ने कुचला

न्यूज़ नेटवर...
Saturday November 8, 2025

बदमाशों ने युवक को मारी गोली हालत गंभीर

  न्यू...
Saturday November 8, 2025