रायबरेली: परिवहन निगम में हुए डीजल घोटाले की जांच करने से बांट माप विभाग ने इंकार कर दिया है। जांच से इंकार करने के बाद राेडवेज विभाग के अधिकारी अब बांट माप अधिकारी की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की बात कह रहे हैं।
परिवहन निगम के डिपो में सितंबर व अक्टूबर में 4577 लीटर डीजल पंप से गायब होने का मामला प्रकाश में आने के बाद हर कोई सशंकित है। डीजल घोटाला उजागर हाेने पर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आडिट व मुख्यालय की टीम के साथ-साथ बांट एवं माप विभाग की टीम को भी लगाए जाने की बात कही थी। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश चंद्र श्रीवास्तव ने 24 अक्टूबर को जिले के वरिष्ठ निरीक्षक बांट एवं माप अधिकारी को पत्र लिखकर डीजल पंप में डीजल थ्रो को चेक करने के लिए पत्राचार किया था। बांट एवं माप विभाग के निरीक्षक ने मौखिक रूप से डीजल पंप की जांच करने से इंकार कर दिया है।
बांट एवं माप विभाग के निरीक्षक से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि परिवहन डिपो के डीजल पंप की हम सीधे जांच नहीं कर सकते है। मुख्यालय से आदेश मिलने पर जांच की जाएगी। दबी जुबान उन्होंने कहा कि हमारे पास जांच करने के यंत्र भी नहीं है। जानकारों का कहना है कि बांट एवं माप विभाग परिवहन निगम में हुए डीजल चोरी के मामले में पड़ना ही नहीं चाहता है। यही वजह है कि जांच करने से इंकार कर दिया है। निगम के कर्मचारी दबी जुबान कहते हैं कि इस मामले में परिवहन निगम कई शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं। अपनों को बचाने के लिए अधिकारी फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं। बांट एवं माप विभाग के निरीक्षक अजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि परिवहन निगम डिपो के आदेश पर हम जांच नहीं कर सकते हैं।
हमारे विभाग से जब हमको आदेश मिलेगा तभी जांच करेंगे। जांच के लिए तकनीकी मशीन की जरूरत रहेगी, जो हमारे पास नहीं है। उधर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि बांट एवं माप विभाग के निरीक्षक ने जांच से मना किया है। उनके विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जाएगा।