घायल विद्यार्थियों के उपचार के लिए अब शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

रायबरेली : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालयों में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था लागू की जा रही है। बच्चों को उपचार प्रदान करने के लिए विद्यालय के एक शिक्षक को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। ताकि वह आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों को विद्यालय में ही प्राथमिक उपचार दे सकें।

शासन की इस व्यवस्था के बाद विद्यार्थियों को विद्यालय में आकस्मिक बीमारी अथवा चोट लगने के दौरान उन्हें विद्यालय में ही तुरंत प्राथमिक चिकित्सा प्राप्त हो सके इसके लिए विद्यालय एक अध्यापक को प्रशिक्षित किया जाएगा। ब्लाक अंतर्गत 99 प्राथमिक, 18 उच्च प्राथमिक तथा नौ कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें 11 हजार 239 बच्चे अध्यनरत हैं। इस कवायद से छात्रों के स्वास्थ्य का विद्यालय में ही ध्यान रखा जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा किट रखी जाएगी। इसके बाद आपात स्थिति में छात्रों का उपचार किया जाएगा। अभी तक विद्यालयों में खेलते समय या अन्य परिस्थितियों में किसी विद्यार्थी को चोट लगने पर उनकी हालत खराब हो जाती थी, तो उसे आनन-फानन में नजदीक के ही प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया जाता था। ऐसे में उन्हें वाहन से लेकर तमाम समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन अब विद्यार्थियों को प्राथमिक उपचार विद्यालय में ही दिया जा सकेगा।

खंड शिक्षा अधिकारी ऋचा सिंह ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैं। विद्यालयों के अध्यापकों के प्रशिक्षण के बाद स्कूलों में किट रखवाया जाएगा। इसके बाद विद्यालय समय में खेलते समय या फिर अन्य परिस्थितियों में चोटिल होने वाले बच्चों का प्राथमिक उपचार किया जा सके।

किट में होंगे ये सामान

विद्यालयों में प्राथमिक उपचार के लिए मिलने वाले स्वास्थ्य किट में डिटाल, पट्टी, गर्म पट्टी, बैंडेज, रूई, कैंची, एंटीसेप्टिक लोशन, बेटाडिन ट्यूब, बेटाडिन लोशन, लाल रोशन, टेप, ग्लव्स, थर्मामीटर, सेफ्टी पिन, साबुन, चिमटी, फिटकरी, सेनिटाइजर आदि मौजूद रहेगा। जिससे कि किसी भी आपात स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सके।