न्यूज़ डेस्क।
रायबरेली के सलोन थाना क्षेत्र में मारपीट व लूटपाट की घटना में स्थानीय पुलिस द्वारा शिकायत न सुने जाने से व्यथित पीड़िता ने अंततः न्यायालय की शरण लेकर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया।न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने चार नामजद अभियुक्तों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
इस बीच घटना के दौरान 112 पीआरवी टीम समय पर पहुंचकर पीड़िता व उसकी मां की जान बचाने में सहायक बनी।घटना कोतवाली क्षेत्र के सूची चौकी अंतर्गत रायपुर महेवा मजरे बघौला की है।
पीड़िता शीलू देवी पत्नी शिवाकांत ने न्यायालय में दी गई याचिका में बताया कि 22 मार्च की सुबह वह अपने दरवाजे पर बैठी थीं।तभी गांव के ही जितेंद्र यादव पुत्र चंद्र भूषण यादव, संजय, आशीष पुत्र अमृत लाल व संतोष पुत्र राम किशन एक राय होकर उसकी सहन की जमीन पर कब्जे की नीयत से जबरन दीवार बनाने लगे।
विरोध करने पर आरोपियों ने उसकी मां के सिर पर फावड़े से वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़ीं।बचाव के लिए पहुंची पीड़िता को भी आरोपियों ने उठाकर पटक दिया, अश्लील हरकतें कीं, गालियां दीं तथा लाठी-डंडे व सरिया से जमकर पीटा।
जान बचाने के लिए पीड़िता की मां घर में छिप गईं, लेकिन दबंग घर में घुस आए और तोड़फोड़ करते हुए घर में रखा अनाज, बर्तन आदि बाहर फेंक दिया तथा लूटपाट की।खौफनाक स्थिति में पीड़िता ने 1090 व 112 हेल्पलाइन पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर पहुंची 112 पीआरवी टीम ने मौके पर पहुंचकर पीड़िता व उसकी मां को दबंगों के चंगुल से छुड़ाया और उनकी जान बचाई।पीड़िता का कहना है कि उसने स्थानीय थाने में तहरीर दी, लेकिन उसकी फरियाद अनसुनी कर दी गई।
इसके चलते आरोपियों के हौसले बुलंद होते गए और वे लगातार जान से मारने की धमकी देते रहे।थाने की उदासीनता से क्षुब्ध होकर पीड़िता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
कोतवाली प्रभारी राघवन कुमार सिंह ने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।मामले की आगे की विधिक कार्रवाई प्रचलन में है।
