Img 20240917 Wa0155

गोशाला में तड़प तड़प कर दम तोड रहे गोवंश, मामले को दबा रहे अधिकारी

रायबरेली:   गौशालाओं की हालत सुधारने तथा गोवंश के रखरखाव लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन वर्तमान हालात इसके विपरीत हैं। कीचड़ में भूख प्यास से तड़प कर गोवंश दम तोड रहे है। इसके बाद भी अधिकारी बेखबर है। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन इलाज के अभाव में दो तीन गोवंश मर रहे हैं। सचिव से लेकर पशु चिकित्सा अधिकारी तक मामले को दबाने में लगे हुए हैं।

धूता गौशाला में 500 मवेशियों के रखने की क्षमता है। वर्तमान समय में 750 मवेशी हैं। मवेशियों की देखभाल के लिए 11 पशु सेवकों को रखा गया है। सोमवार को गौशाला में कीचड़ के बीच दो मवेशियों ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। जबकि दर्जनों की संख्या में मवेशी बीमार पड़े हुए हैं।

ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इलाज तथा समय से चारा भूसा पानी न मिलने की वजह से आए दिन गोवंश तड़प तड़प कर मर रहे हैं। गोवंश की मौत को छिपाने के लिए सुबह गंगा के किनारे गढ्ढों में फेंक कर मिट्टी डाल दी जाती है। बीमार मवेशियों का सिर्फ कागज पर इलाज होता है। बीमार मवेशियों के उपचार की बात तो दूर कीचड़ से बाहर निकालना भी पशु सेवकों द्वारा नहीं किया जाता।

सचिव ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। खंड विकास अधिकारी हबीबुल रब ने बताया है। गौशाला में क्षमता से अधिक मवेशी हैं। गौशाला संचालन की जिम्मेदारी सचिव पवन कुमार को दी गई है। मृत गोवंश की जानकारी नहीं है।

पशु चिकित्सक दिलीप कुमार ने बताया कि दो गायों के मरने की जानकारी मिली है। पशु प्रसार अधिकारी संजीव को मवेशियों के उपचार के लिए भेजा गया है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *