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रायबरेली: कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर लालगंज के गेगासो, सरेनी के रालपुर, ऊंचाहार के गोला व गोकना और डलमऊ में शुक्रवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। गंगा किनारे उमड़ी आस्था की भंवर के पीछे लोग गंदगी का सैलाब छोड़ गए। दैनिक जागरण टीम ने रविवार को गंगा घाटों पर सफाई व्यवस्था की पड़ताल की ताे अधिकारियों के दावों की पोल खुल गई।
लालगंज के गेगासो में शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने आस्था के नाम पर अगरबत्ती के पैकेट, पालीथिन व अन्य सामग्री छोड़ी थी, जो तीसरे दिन गंगा में हवा के साथ जाती रही है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं था।

डलमऊ में सबसे अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया। गंगा के किनारे गंदगी का सैलाब दिखा। पक्के घाटाें पर सफाई कर्मियों ने साफ सफाई की, लेकिन कच्चे घाटों की ओर जाने की जहमत नहीं उठाई। बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि का कहना है कि गंगा के सभी घाटों को साफ कराने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी देनी चाहिए। साफ सफाई न होने से दूसरे दिन गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं में रोष देखने को मिला।

ऊंचाहार के गोला व गोकना घाट पर तीर्थ पुरोहितों ने घाट पर साफ सफाई कर कूड़ा एकत्र कर दिया, लेकिन कचरे के ढेर को उठाने के लिए कोई नहीं आया। तीसरे दिन गंगा स्नान करने आए राकेश यादव, ओम प्रकाश तिवारी का कहना है कि फैली गंदगी से दुर्गंध उठ रही है। सफाई कर्मचारी कहां सफाई कर रहे हैं, यह किसी को पता नहीं हैं।

गंगा घाटों पर साफ सफाई के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। उनके कार्य की निगरानी भी की जा रही है। इसके बाद भी कहीं से लापरवाही की शिकायत मिली तो सफाई कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

साैम्य शील सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी

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