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रायबरेली। गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने से किसानों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। गंगा किनारे बसे गांवों के किसानों की हजारों बीघा फसल डूब जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है। गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने से किसानों की फसलों में गंगा का जल भर गया है। जिससे किसानों की फसलों धान,बाजरा, उर्दू, मूंग, सब्जी में पानी भर जाने से काफी नुकसान हो रहा है।

यदि लगातार जल स्तर बढ़ता गया तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऊंचाहार तहसील के अंतर्गत विकासखंड जगतपुर के धूता ग्राम पंचायत में शासन द्वारा बनवाये गये जिला के सबसे बड़े गौशाला के चारों तरफ गंगा का पानी भर गया है। जिससे जानवरो को चारा पहुंचाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि लगातार जल स्तर बढ़ता गया तो जानवरों को काफी दिक्कत हो सकती है।

गंगा किनारे बसे गांव धूता, हमीर मऊ, पयागपुर, के किसानों की फसलों में काफी हद तक पानी पहुंच गया है। किसान अपने अपने खेतों को छोड़ कर चले गए हैं। धूता में गंगा घाट को जाने वाले खड़ंजा मार्ग सहित किसानों की फसलों में गंगा नदी का जल भर गया है। जिससे किसानों के पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है। गंगा की बाढ़ से प्रभावित गांव धूता,सैद अली पुर, मंझलेपुर, पूरे ठकुराइन, पूरे लोनियन, नारायण भीट,मुलाहीबाद,गुलरिहा, सुबेदार का पुरवा, आदि गांव के किसानों को पशुओं को चारा नहीं बचा है।

क्यों कि इन गांवों के किसान अपने अपने जानवरों को धूता के जंगल गंगा कटरी में छोड़ कर चराते थे। परन्तु गंगा की बाढ़ से गंगा के तटवर्तीय क्षेत्र में पानी भर जाने से किसानों के जानवरो काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है।इस सम्बन्ध में तहसीलदार ऊंचाहार आकांक्षा दीक्षित ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार नजर रखी जा रही है। जरुरत पड़ने पर धूता गौशाला में बन्द जानवरों को ऊपरी हिस्से में संरक्षित किया जायेगा। किसानों की डूबीं फसलों का मुआयना करवाया जायेगा।

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