नागेश त्रिवेदी रायबरेली
गौशालाओं में मवेशियों को बेहतर सुख सुविधाएं पहुंचाए जाने के लिए कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को जिम्मेदारियां सौंपी गई है। ठीक इसके विपरीत धूता गौशाला में हरा चारा, दाना भूसा उपचार तथा ठंड से बचाव को लेकर अधिकारी बेखबर है। खुले आसमान के नीचे गोबर के बीच मवेशियों को खड़े रहकर रात गुजारनी पड़ती है।
उक्त गौशाला में वर्तमान समय में 600 मवेशी पंजीकृत है। इनकी देख रहे तथा सुख सुविधा के लिए अशोक सिंह, उदय राज, आनंद देव, नंदलाल ,ननकऊ, राजेश ,डब्बू, संतोष, रामवती, राजदेई, ब्रह्मा देवी ,बिटूला को मिलाकर क्षक्ष11 मनरेगा श्रमिकों की नियुक्ति की गई है। ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाई जाने के बाद गौशाला की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी पवन कुमार को दी गई है।
ग्रामीण हनुमंत राकेश राजकुमार अमरेंद्र का आरोप है कि मवेशियों को हरा चारा दाना उपचार की बात छोड़िए बूंद बूंद पानी के लिए भी तरसना पड़ता है। हरा चारा दान के स्थान पर सुख पावल का भूसा और गेहूं के भूसे को दिया जाता है। ठंड से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए। मवेशियों की संख्या अधिक होने के चलते गोबर में खड़े होकर मवेशियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ती है। मनरेगा कर्मियों से फोटो लेकर झूठी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाती है। कई मवेशी बीमार हालत में गौशाला में पड़े हुए हैं।
मनरेगा कर्मी अशोक कुमार नंदलाल ने बताया है कि गौशाला में बिजली नहीं है। कभी-कभार इंजन चलाया जाता है। मवेशियों को ठंड से बचाए जाने के लिए ग्राम प्रधान से शिकायत की गई है। 5 महीने से मान देय न मिलने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
पशु चिकित्सा दिलीप कुमार ने बताया है कि ठंड से बचाव के लिए तिरपाल लगाए जाएंगे। मवेशियों का उपचार किया जा रहा है। खंड विकास अधिकारी हबीबुल रब ने बताया है कि मवेशियों की सुख सुविधा के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी पवन कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। जांच कराई जाएगी।