ऊंचाहार (रायबरेली): रामचंदरपुर रेलवे फाटक स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में भक्तगणों द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में रविवार छठवें दिन कथा व्यास पंडित राकेश शास्त्री महाराज ने राम वन-गमन व केवट संवाद का संगीत मय वर्णन किया। इस दौरान पंडाल श्रोताओं के जय श्रीराम के नारों से गुंजायमान रहा।
पूजन अर्चन के बाद कथा प्रारंभ करते हुए व्यास ने कहा कि भगवान को पाने के लिए उन्हें अंतरात्मा से पुकारना पड़ता है। और प्रतीक्षा करो मैया शबरी, अहिल्या ने पूरे जीवन भगवान की प्रतीक्षा की। अंततः भगवान स्वयं उनके पास जाकर दर्शन देकर उन्हें उद्धार किया है। आचार्य ने कहा कि हम सब की भी भगवान के प्रति अटूट आस्था, मन में ललक, प्यास होनी चाहिए। तभी हम उनके दर्शन पाकर भवसागर को पार कर सकते हैं। भगवान जब भारद्वाज मुनि के पास गए तो उन्होंने यही कहा कि आज उनके सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण हो गए।
कथा व्यास ने गुरु महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जिसका कोई गुरु नही उसका जीवन शुरू नहीं। और गोस्वामी जी ने भी सम्पूर्ण मानस में समय समय पर गुरु महिमा का बखान किया है। इसके बाद केवट संवाद से लेकर चित्रकूट की लीलाओं का बहुत ही सुंदर एवं मार्मिक वर्णन किया। कहा कि केवट ने भगवान श्रीरामचन्द्र, माता सीता व लक्ष्मण को गंगा पार कराया।
भगवान उसे उतराई देने लगे तो ”केवट ने कहा रघुराई से उतराई न लूंगा हे भगवन।। मैं यहां से पार लगाता हूं तुम वहां से पार लगा देना।। कथा सुनकर भक्त भगवान श्रीराम, माता जानकी के जयकारे के साथ भक्ति में झूम उठे। प्रधान शिव प्रकाश, दिलीप तिवारी, भाजपा नेता सुनील दुबे, विमल तिवारी, पिन्टू तिवारी, नारेन्द्र शुक्ल, शिवकरन मिश्र, राजू नायक, लवलेश सिंह, अमित गुप्ता सहित काफी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।