एम्स रायबरेली का 7वां स्थापना दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सशक्त न्यूज नेटवर्क
एम्स रायबरेली प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को स्थापना दिवस के रूप में मनाता है। आज ही के दिन वर्ष 2018 में माननीय प्रधानमंत्री क्षी नरेन्द्र मोदी जी ने संस्थान के भवनों का शिलान्यास किया था। कार्यकारी निदेशक डॉ. अमिता जैन के कार्यकाल में पहला और कुल मिलाकर 7वां स्थापना दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत अपराह्न 03:00 बजे अतिथियों के आगमन के साथ हुई। इस वर्ष दो गणमान्य विभूतियों ने संस्थान का आतिथ्य स्वीकार कर एम्स का मान बढ़ाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल। डॉ. पॉल एम्स, नई दिल्ली के एक सम्माननीय बाल रोग चिकित्सक रहे है और वर्ष 2018 से नीति आयोग के सदस्य है।
सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन कार्यक्रम की मानद अतिथि रही। कार्यकारी निदेशक डॉ. अमिता जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि संस्थान का बहिर्रोगी विभाग करीब 20 लाख और अंतर्रोगी विभाग में करीब 50 हजार लोगों का उपचार कर चुका है।
लगभग 12 हजार सर्जरी की जा चुकी है और लगभग 71,50,000 नैदानिक जाँच संपन्न किए जा चुके है। चिकित्सा एवं संबद्ध पाठ्यक्रमों में वर्तमान में कुल 1023 छात्र शिक्षा पा रहे है। संस्थान अवसंरचना, चिकित्सा सेवाएं, अकादमिक सुविधा, अनुसंधान गतिविधियों जैसे अपने सभी प्रकार के संसाधनों में निरंतर प्रगति कर रहा है और निकट भविष्य में नवाचार, समावेशिता व करुणा से प्रेरित मेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य, नैदानिक जाँच एवं शोध में उत्कृष्टता का एक प्रमुख केंद्र बनने के अपने विजन को पूरा करने के प्रति आशान्वित है।
वर्ष 2025 के दौरान अकादमिक उपलब्धियों हेतु प्रत्येक सत्र में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं विषय में अव्वल आने वाले छात्रों को पदक एवं प्रशस्ति पत्र के साथ पुरस्कृत किया गया। तत्पश्चात नर्सिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य-निष्पादन के लिए तीन नर्सिंग अधिकारियों एवं अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य-निष्पादन हेतु एक अधिकारी को पुरस्कृत किया गया।
संस्थान के माननीय अध्यक्ष पद्मश्री विभूषित डॉ. आर. वी. रमणी, महोदय ने अपने संभाषण में संस्थान के सात वर्ष पुरे होने पर कहा कि अब बाल्यावस्था से निकलकर दौड़ने का समय आ गया है और हम जल्द ही अपनी गति को प्राप्त कर लेंगे।
मानद अतिथि महोदया ने अनुसंधान के क्षेत्र में एम्स जैसे संस्थान के महत्व पर प्रकाश डाला एवं औषधि के क्षेत्र में शोध-कार्यों को आगे पढ़ाने के लिए हर-संभव योगदान के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि महोदय ने एम्स की अभी तक की उपलब्धि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने एम्स जैसे संस्थान को स्थापित करने के लिए तीन लक्षित स्तंभों का उल्लेख किया। पहला स्तंभ है शिक्षा; एम्स का प्राथमिक उद्देश्य चिकित्सा एवं संबद्ध क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन का निर्माण करना है।
दूसरा स्तंभ है रोगी देखभाल; हमारा लक्ष्य चिकित्सालय में आने वाले रोगियों को श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना होना चाहिए जिसकी कुंजी है उन्नत नैदानिक जाँच सुविधा। और तीसरा स्तंभ है अनुसंधान; स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान रोगी सेवा एवं कोविड जैसे परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार करेगा।
उन्होंने संकायों, चिकित्सकों, छात्रों, पैरामेडिकल एवं संबद्ध कर्मचारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से एम्स को और आगे ले जाने का आह्वान किया और अगले 10 सालों में एम्स रायबरेली के इंडिया-टूडे सर्वे के शीर्ष 10 चिकित्सा संस्थानों में शामिल होने का प्रयास करने को कहा।
सामुदायिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. भोला नाथ के धन्यवाद संभाषण के पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यक्रम में जिला प्रशासन से एडीएम (प्रशासन) श्री सिद्धार्थ एवं एएसपी श्री संजीव सिन्हा उपस्थित थे।
संस्थान की ओर से डीन (अकादमिक) प्रो. नीरज कुमारी, डीन (परीक्षा) प्रो. प्रगति गर्ग, डीन (अनुसंधान) प्रो. अर्चना वर्मा, प्रो. आर. एस. बेदी, प्रो. प्रबल जोशी, प्रो. रजत शुभ्र दास, प्रो. मधुकर मित्तल सहित संकाय सदस्य, उपनिदेशक (प्रशासन) कर्नल अखिलेश सिंह , वित्तीय सलाहकार कर्नल यू. एन. राय अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरज कुमार श्रीवास्तव, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुणप्रीत कौर एवं डॉ. के. डी. सिंह सहित संस्थान के अन्य अधिकारी, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे।