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    एम्स में पहली बार दूरबीन विधि से थायराइड सर्जरी चिकित्सा, चिकित्सा जगत में मील का पत्थर

    News Desk

    ByNews Desk

    Mar 7, 2025
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    जनरल सर्जरी विभाग ने एक नए युग की शुरुआत

    रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जनरल सर्जरी विभाग की डॉक्टर टीम ने चिकित्सा जगत में एक नए युग की शुरुआत की है। एम्स में दूरबीन विधि से थायराइड की सर्जरी की जा रही है। एम्स के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बीती तीन मार्च को दूरबीन विधि द्वारा पहली थायराइड सर्जरी संपन्न की गई है।

    ग्राम सोनौथी, जिला रायबरेली निवासी 25 वर्षीय युवती का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर जनरल सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने यह माइलस्टोन हासिल किया। युवती की सर्जरी भारत सरकार के आयुष्मान योजना के अंतर्गत की गई। युवती अपने गले में थायराइड की गांठ की शिकायत लेकर आई थी, जो 2 साल से लगातार बढ़ रही थी।

    जांच के बाद डॉक्टरों ने कोलाइड ग्वाइटर (पेंधा) पाया और उन्होंने गले में बिना चीरा लगाए दूरबीन विधि द्वारा इसकी सफलतापूर्वक सर्जरी की। युवती ठीक हो चुकी है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। दूरबीन विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे ऑपरेशन किए गए स्थान पर चीरे का निशान नहीं बनता। मरीज सामाजिक स्थानों पर जाने या बैठकों में शामिल होने पर असहज महसूस नहीं करता है। साथ ही मरीज अपेक्षाकृत बहुत कम समय में स्वस्थ होकर अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है। सामान्य सर्जरी की प्रैक्टिस में शरीर पर चीरे का निशान बहुत दिनों तक बना रहता है।

    सर्जरी टीम के डॉक्टरों में जनरल सर्जरी विभाग से डॉ. दीपक राजपूत, डॉ. अमित कुमार गुप्ता, डॉ. रौनक मेहरोत्रा एवं डॉ. प्रणभ कुशवाहा, एनेस्थिसिया विभाग से डॉ. अभय राज यादव शामिल हैं। इसके अलावा डॉ. अकमल व उनकी टीम डॉ. पुलकित, डॉ. स्नेहिता, नर्सिंग अधिकारी नताशा, मधु और ओटी सहायिका संध्या का भी विशेष योगदान रहा।