ऊंचाहार: एनटीपीसी विद्युत तापीय परियोजना की 210 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली तीसरी यूनिट में गुरुवार की सुबह तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद प्रबंधन द्वारा इसे बंद करा कर मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस यूनिट के बंद होने से जहां परियोजना का 210 मेगावाट विद्युत उत्पादन घटा है, तो वहीं इसका असर व्यापारिक राजस्व पर भी पड़ रहा है।
एनटीपीसी परियोजना में छह यूनिटों की बदौलत 1550 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसमें यूनिट संख्या एक से लेकर पांच तक 210, 210 तो वहीं छठवीं यूनिट 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली बनाई गई हैं। यहां से उत्पादित बिजली उत्तरी ग्रिड के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश समेत नौ राज्यों को भेजी जाती है।
यहां की एक भी यूनिट के बंद होते ही इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश समेत इन सभी राज्यों पर पड़ता है। बताते हैं कि इन दोनों किसानों की रबी की फसलों की सिंचाई को लेकर बिजली की मांग बढ़ी हुई है। इसी बीच गुरुवार की सुबह एनटीपीसी परियोजना की तीसरी यूनिट के ब्वायलर ट्यूब में रिसाव शुरू हो गया। सूचना पर प्रबंधन द्वारा पहले इसे ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता न मिलने पर इसे बंद करा कर तापमान घटने के बाद देर शाम से मरम्मत का कार्य शुरू कराया गया है।
इस यूनिट के बंद होते ही जहां 210 मेगावाट विद्युत उत्पादन घट गया, वहीं इसका असर परियोजना के व्यापारिक राजस्व पर भी पड़ रहा है। परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि यूनिट के मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया गया है, जल्द ही इसे पूरी भार क्षमता के अनुरूप संचालित कर विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।