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उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया। सोमवार की भोर में जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्य की लालिमा दिखाई दी, वैसे ही व्रती महिलाओं ने जल में खड़े होकर अर्घ्य दिया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। बारिश और फिसलन के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही।
भक्तों ने सुबह पवित्र नदियों, तालाबों और ग्रामीण इलाकों के पोखरों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। छठी मइया के गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। महिलाओं ने सूप-दऊरा में ठेकुआ, केले, नारियल, ईख, मौसमी फल और दीप रखकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया।
बारिश के कारण जगह-जगह कीचड़ और जलभराव से कठिनाई जरूर हुई, पर श्रद्धा के आगे सब फीका पड़ा। प्रशासन ने प्रमुख घाटों पर पुलिस बल, गोताखोर और स्वास्थ्यकर्मी तैनात किए थे। नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था की गई।
अर्घ्य के बाद श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं और प्रसाद ग्रहण कराया। व्रती महिलाओं ने कहा कि छठ माता की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे, यही कामना की गई।
