रायबरेली:
पितृ पक्ष के अंतिम दिन रविवार को सनातनधर्मी परिवारों में पितरों को श्रद्धा के साथ विदाई दी गई। सुबह स्नान के बाद जलांजलि व पिंडदान किया गया। उसके बाद ब्राह्मणों को भोजन और दान का सिलसिला शुरू हुआ।
नदी व सरोवर किनारे कुछ लोगों ने समस्त कर्मकांड पूरे किए तो काफी संख्या में लोग ऐसे भी थे जिन्होंने अपने घर पर ही पुरोहितों को बुलाकर पिंडदान कराया। उसके बाद पितरों के नाम से भोजन निकाला गया।
परंपरा के अनुसार उसे गाय कौआ और कुत्ते को खिलाया गया। पितृदेव के नाम से अग्नि को भी भोजन समर्पित किया गया। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दी गई।