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रायबरेली : झाँसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में हुई ह्रदय विदारक घटना की वैसे तो सीएम योगी ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अग्निशमन व्यवस्था में लापरवाही सामने आ रही है। कुछ ऐसे ही हालात रायबरेली के. जिला अस्पताल में भी हैं। यहाँ लापरवाही का आलम यह है कि जले हुए बिजली के बोर्ड हैं और एबीसी टाइप के फायर एक्सीटिंगयुशर 2021 के है। यहाँ बच्चा वार्ड में जले हुए बिजली के बोर्ड दुर्घटना को दावत दे रहे हैं लेकिन लाखों रुपये रखरखाव के नाम पर बजट लेने वाला जिला अस्पताल इसकी तरफ से लापरवाह बना है। ख़ास बात यह कि इस पर जवाब देने के लिए सीएमएस डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल सामने नहीं आये बल्कि उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया में बोलने से मना किया गया है। वहीं 2021 के एबीसी टाइप फायर एक्सटिनग्युशर भी धोखा दे सकते हैं। अग्नि सुरक्षा अधिकारी मनीराम सरोज के मुताबिक, वैसे तो एबीसी टाइप सिलेंडर पर जब तक मीटर सही रीडिंग बताता हैं तब तक इसे उपयोगी माना जाता हैं। उन्होंने कहा, इसके बावजूद इन सिलेंडर को हर वर्ष चेक कराया जाना चाहिए क्योंकि कई बार एक साल की अवधि में इसके नोजेल और नॉब जाम हो जाते हैं। यहाँ तीमारदार भी जले बिजली के बोर्ड और लटकते तारों को देखकर भयभीत हैं लेकिन सिस्टम सरकारी हैं इसलिए इनके मुंह पर भी ताला हैं।

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