रायबरेली : पति के प्रति निष्ठा प्रेम समर्पण का त्यौहार करवा चौथ दांपत्य जीवन का आधारभूत व्रत है। व्रत के माध्यम से सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। करवा यानी मिट्टी का बर्तन चौथ यानी चतुर्दशी इसका विशेष महत्व बताया गया है। पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते एवं विश्वास का प्रतीक माना जाता है।
प्राचीन कथाओं में यह परंपरा बताई गई है। कार्तिक माह की चतुर्दशी के दिन मनाए जाने वाला पर्व करवा चौथ के नाम से जाना जाता है। सुहागन महिलाएं सुहाग की रक्षा के लिए इस व्रत का पालन करती है। घर में सुख शांति समृद्धि और संतान सुख मिलता है। पूरी श्रद्धा से विधिपूर्वक इस व्रत को करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जब चांद निकलता है तो सभी सुहागन महिलाएं सारी रस्म पूरी करती हैं। पूजा के बाद पति को देखकर व्रत तोड़ती है।