रायबरेली: गांव में विकास कराने के लिए सरकार ग्राम पंचायतों को केंद्रीय व राज वित्त के तहत पैसा भेजती है। इस पैसे को खर्च करने में पंचायत सचिव मनमानी कर रहे हैं। पैसा न खर्च होने के कारण सीएम डैश बोर्ड की रैंकिंग में पंचायती राज विभाग की रैंक खराब आई है। मनमानी करने वाले पंचायत सचिवों पर कार्रवाई करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी सौम्य शील सिंह ने सभी सहायक विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर चेतावनी दी है।
डीपीआरओ का कहना है कि नवंबर में केंद्रीय व राज वित्त का डंप पैसा न खर्च किया गया तो संबंधित कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। डीपीआरओ कार्यालय से जारी पत्र को लेकर सभी पंचायत सचिवों में खलबली मची हुई है। जिले की 194 ग्राम पंचायतों ने केंद्रीय वित्त का एक पैसा भी खर्च नहीं किया है। 369 ग्राम पंचायतों ने पैसा खर्च किया, लेकिन अभी पंचायतों के खाते में करीब आठ करोड़ रुपये डंप है। डीपीआरओ ने पैसा न खर्च करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।
इन पंचायतों में 15 वें वित्त का डंप है एक करोड़
अमावां व बछरावां की 28 ग्राम पंचायतों, छतोह की 27, डलमऊ की 24, डीह की 27, दीनशाह गौरा की 32, हरचंदपुर की 12, जगतपुर की 13, खीरों की 70, लालगंज की 27, महाराजगंज की 19, राही की 51, रोहनियां की 21, सलोन की 61, सरेनी की 52, सतांव की 30, शिवगढ़ की 21 व ऊंचाहार की 30 ग्राम पंचायतों में पांचवें वित्त के तहत शासन से भेजी गई धनराशि डंप है। डीपीआरओ सौम्य शील सिंह का कहना है कि केंद्रीय व राज वित्त का पैसा खर्च करने में लापरवाही कर रहे ग्राम पंचायत सचिवों को डंप पैसा खर्च कर प्रमाण पत्र देने को कहा गया है। पैसा खर्च करने कर प्रमाण पत्र देने वाले सचिवों को ही नवंबर का वेतन दिया जाएगा।