ऊंचाहार: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन ने गांव से लेकर शहर व कस्बे तक भारी भरकम बजट खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। जिसका उदाहरण ब्लाक मुख्यालय परिसर में बने सामुदायिक शौचालय में लटकता ताला है। नतीजा यहां तैनात महिला, पुरुष कर्मचारीयों समेत आने वाले प्रधान, प्रतिनिधियों व फरियादियों तथा बुजुर्ग महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शिकायत के बावजूद भी जिम्मेदार इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ब्लाक मुख्यालय परिसर में वर्ष 2020-21 में मानव संसाधन विभाग द्वारा लगभग 20 लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। लेकिन चार साल बीतने के बाद अभी तक इसका संचालन शुरू नहीं हो सका। सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटकता रहता है। जिसकी वजह से यहां तैनात महिला व पुरुष अधिकारियों, कर्मचारियों समेत 54 ग्राम पंचायतों से फरियाद लेकर आने वाले ग्रामीणों, समूह की महिलाओं व प्रधान, प्रतिनिधि, बीडीसी व पंचायत सहायक समेत रोजगार सेवकों को खुले में शौच क्रिया करनी पड़ती है।
रोजगार सेवक रमेश कुमार, अर्जुन प्रसाद, अवधेश कुमार, सुनील कुमार, पूनम देवी, सुमित्रा, रामादेवी, आदि का कहना है कि सामुदायिक शौचालय का ताला खुलवाए जाने को लेकर कई बार ब्लाक के अधिकारियों से बातचीत की गई, लेकिन नतीजा शून्य रहा। एनटीपीसी परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि उक्त सामुदायिक शौचालय को बीडीओ को सुपुर्द कर दिया गया है।
खंड विकास अधिकारी कामरान नेमानी ने बताया कि जल्द ही सफाई कर्मचारी की तैनाती कर सामुदायिक शौचालय का ताला खुलवाया जाएगा।