ऊंचाहार: दो दर्जन भर से अधिक गांव की करीब 20 हजार आबादी को विकास से जोड़ने के लिए सवैया हसन से नहर की पटरी से होते हुए करीब पांच किलोमीटर लंबी बहेरवा लिंक मार्ग बनाई गई है। इस मार्ग प्रतिदिन सैकड़ों छोटे बड़े वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में बहेरवा गांव के पास गंदा नाला पर बनी 50 साल पुरानी गंदा नाला की रेलिंग जगह-जगह से टूट गई है। नतीजा आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। शिकायत के बावजूद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। समस्या को लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
सवैया राजे, खोजनपुर, सवैया मीरा, सवैया हसन, हटवा, मिश्रपुर, पूरे मालिन, लक्ष्मीगंज, मनीराम, गोपाल पुर उधवन, गुड़िया, खुरूमपुर, निरंजन पुर समेत करीब तीस गांवों की लगभग 20 हजार आबादी को विकास से जोड़ने के लिए सरकार ने रायबरेली लखनऊ राष्ट्रीय मार्ग के सवैया हसन गांव के पास से बहेरवा गांव स्थित ऊंचाहार सलोन मार्ग को जोड़ती हुई लगभग पांच किलोमीटर लंबी लिंक मार्ग बनाई गई है। इसी मार्ग पर बहेरवा गांव के पास से निकलने वाले गंदे नाले पर सिंचाई विभाग द्वारा लगभग 70 साल पहले पक्के पुल का निर्माण कराया गया था। लेकिन यह पुल सकरा होने के साथ ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है।
बहेरवा निवासी राम मूरत, संदीप कुमार, सैनिक, रामू, हरीराम, आकाश, विकेश कुमार मौर्य, गेंदालाल, रमेश कुमार सैनी, छोटे लाल सैनी, अरूण कुमार रैदास, सदाशिव आदि का कहना है कि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में हल्के व भारी वाहन गुजरते हैं। जर्जर पुल की रेलिंग टूटने की वजह से रात के अंधेरे में पैदल व साइकिल सवार राहगीर नाले में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। नया पुल निर्माण को सिंचाई विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन व जन प्रतिनिधियों फिल्म कई बार मांग की गई। लेकिन जिम्मेदार बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता शिव शंकर सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कराकर मरम्मत या फिर नए पुल का निर्माण कराया जाएगा।